बिजनौर में CAA के विरुद्ध हिंसक प्रदर्शन में गोली से मरे सुलेमान की मौत प्रकरण में थाना प्रभारी समेत छह के खिलाफ हुआ केस दर्ज

बिजनौर में नागरिकता कानून का विरोध

Update: 2019-12-30 06:51 GMT

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान 20 साल के मोहम्मद सुलेमान की मौत के मामले में छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन छह पुलिसकर्मियों में नहटौर पुलिस थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी (एसएचओ) राजेश सिंह सोलंकी भी हैं।

सोलंकी के स्थान पर नियुक्त एसएचओ सत्यप्रकाश सिंह का कहना है कि सुलेमान के भाई शोएब द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में सोलंकी के अलावा स्थानीय आउटपोस्ट प्रभारी आशीश तोमर, कॉन्स्टेबल मोहित कुमार और तीन अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम हैं। सिंह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 147, 148 और 149 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। बताते चले कि सोलंकी का तबादला डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) में कर दिया गया है।

बिजनौर के एडिशनल एसपी (ग्रामीण) विश्वजीत श्रीवास्तव ने कहा कि सोलंकी का नहटौर पुलिस थाने से इसलिए तबादला किया गया क्योंकि वह घायल थे और काम नहीं कर सकते थे। बिजनौर के पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने पुष्टि की थी कि 20 साल के सुलेमान की मौत कॉन्सटेबल मोहित कुमार द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से हुई थी। उन्होंने बताया था कि सुलेमान के शरीर से एक कारतूस मिला था।

बैलिस्टिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि यह गोली कॉन्सटेबल मोहित कुमार की पिस्तौल से चलाई गई थी। मोहित कुमार के पेट से जो गोली मिली है, उसे किसी देसी कट्टे से चलाया गया था। जबकि सुलेमान के पास से कोई हथियार नहीं मिला था। 20 दिसंबर की इस घटना के मामले में नहटौर पुलिस स्टेशन ने 35 नामजद के साथ कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की है।


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