चित्रकूट के बियावल में बवाल और बवाल में उबाल

चित्रकूट का विवादित रहने वाला मऊ का बियावल घाट एक बार फिर चर्चा में

Update: 2021-02-28 06:45 GMT

चित्रकूट में लगातार बालू के घाट अपने अवैध काले कारनामों के लिए जाने जाते हैं बावजूद इसके खनन करने में खनन माफिया अपनी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो वही अधिकारी भी नाक के नीचे से राजस्व को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

आसपास के रहने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि खनन सीमा के बाहर जाकर खनन माफिया शाम होते ही 6:00 बजे से अपनी पोकलैंड मशीनों सहित सैकड़ों ट्रकों को यमुना नदी के किनारे लगा कर सुबह 9:00 बजे तक भारी मात्रा में नदी से बालू भरते है और बालू निकालकर साइड में लगा देते है और सुबह होते ही बालू निकालने वाले गड्ढों को जेएसीबी से भर दिया जाता है.

ऐसा ही एक मामला फिर अपनी विवादित में रहने वाले मऊ के बियावल घाट का सामने आया है. इसी घाट में ओवरलोडिंग के चलते हाल ही में एक बच्चे की मौत हो गई थी. लेकिन अभी भी घाट संचालकों द्वारा पोकलैंड मशीनों को नदी के किनारे लगा कर नदी के बीच से बालू निकालना.

सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि सत्ता पक्ष के इसने सफेदपोश नेताओं की पार्टनरशिप भी कहीं इस अवैध खेल में सरकार को करोड़ों का चूना लगाकर अपनी झोली में हर दिन लाखों डालने का काम कर रहे हैं.

रिपोर्ट- सूरज तोमर चित्रकूट



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