संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन नहीं पहुंच सकी राज्यपाल

विश्वविद्यालय की भूमि को बचाने की मांग पर कर्मचारी आज सुबह से ही धरना दे रहे थे।

Update: 2022-10-17 13:23 GMT

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रहे कर्मचारियों के विरोध और धरना प्रदर्शन की वजह से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कैंपस में नहीं आ सकीं। राज्यपाल अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी सर्किट हाउस आईं। वहां से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंची। उन्हें अपने दौरे के तहत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भी जाना था।

मगर, संपूर्णानंद के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और अध्यापक परिषद के सदस्यों को लेकर सर्किट हाउस पहुंचे और वहीं पर राज्यपाल से मिलने पहुंच गए। वहीं, दूसरी ओर संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में जमीन की पैमाइश करने आई टीम को धरनारत कर्मचारियों ने भगा दिया। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की दो एकड़ भूमि बिजली विभाग को दिया जा रहा। उसी के विरोध में शिक्षक, कर्मचारी और छात्र धरना दे रहे हैं।

कर्मचारियों ने मजिस्ट्रेट और उनकी टीम को भगाया

विश्वविद्यालय की भूमि को बचाने की मांग पर कर्मचारी आज सुबह से ही धरना दे रहे थे। दोपहर में बिजली विभाग, मजिस्ट्रेट और प्रशासन की टीम क्रीड़ा मैदान का मुआयना करने पहुंचे थे। मजिस्ट्रेट और उनकी टीम जमीन की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी करने लगी। धरनारत कर्मचारियों को पता चला तो वे तुरंत मैदान में भागकर पहुंचे।

मजिस्ट्रेट और उनकी टीम को ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने मुआयना करने वाली पूरी टीम को भगा दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने पूरे परिसर में जुलूस निकालकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने चौकाघाट बिजली कार्यालय तक जुलूस भी निकाला। इसके बाद कर्मचारी, शिक्षक और छात्र विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर ही धरने पर बैठ गए।

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