संविदा कर्मियों को बोनस योग्य भी नहीं समझती सरकार
एक तरफ जहां सरकार प्रदेश के नियमित कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता और 6908 रुपए का बोनस गिफ्ट देने जा रही है तो वहीं प्रदेश के संविदा कर्मियों( अनुदेशक,शिक्षामित्र, रसोइया,रोजगार सेवक,आंगनबाड़ी आदि) को कोई गिफ्ट नहीं दे रही है। "कहीं दिया जले, कहीं दिल जले।। कहीं बोनस बटे, कहीं मानदेय घटे"।।;
त्योहारों का मौसम चल रहा है। दशहरा बीता अब दीपावली आने वाला है। एक तरफ जहां सरकार प्रदेश के नियमित कर्मचारियों को 38 फीसदी महंगाई भत्ता और 6908 रुपए का बोनस गिफ्ट देने जा रही है तो वहीं प्रदेश के संविदा कर्मियों( अनुदेशक,शिक्षामित्र, रसोइया,रोजगार सेवक,आंगनबाड़ी आदि) को कोई भी गिफ्ट नहीं दे रही है। मानदेय बढ़ाना और नियमित करना तो दूर की बात है, सरकार संविदाकर्मियों को बोनस भी नहीं देना चाह रही है।
दीपावली के अवसर पर प्राइवेट कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को बोनस देती हैं।
दीपावली का त्योहार लोग हर्षोल्लास के साथ मना सकें इसके लिए प्राइवेट कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को बोनस देती हैं। लेकिन यहां है कि प्रदेश के करीब 10 लाख संविदाकर्मियों को उत्तर प्रदेश की सरकार बोनस योग्य भी नहीं समझती। क्या प्रदेश की अर्थव्यस्था में केवल नियमित कर्मचारियों का ही योगदान,संविदाकर्मियों का नहीं? यह एक यक्ष प्रश्न है,जिसका जवाब उत्तर प्रदेश सरकार को देना चाहिए।
नियमित कर्मचारियों को मिलेगा बोनस और 38% DA
सरकार नियमित कर्मचारियों को 38% का DA और 6908 रुपए का बोनस देकर दीपावली गिफ्ट दिया है। जिसकी घोषणा बकायदे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर किया। उन्होंने लिखा है कि, "उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत की दर 34 फीसदी को 01 जुलाई, 2022 से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया है। वहीं,वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु प्रत्येक कर्मचारी को 6,908 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया गया है.आप सभी को हार्दिक बधाई!"
क्या संविदाकर्मियों के लिए दीपावली पर बोनस की घोषणा नहीं कर सकती सरकार?
क्या जिस तरह की घोषणा सरकार नियमित कर्मचारियों के लिए की है? क्या उसी तरह की घोषणा सरकार संविदा कर्मियों (अनुदेशकों,शिक्षामित्रों) के लिए नहीं कर सकती है।अभी दीपावली आने में 4 दिन शेष हैं,अगर सरकार संविदाकर्मियों के लिए बोनस की घोषणा करती है तो निश्चित रूप से वह प्रशंसा की पात्र होगी।
जानिए इस विषय पर प्रदेश अध्यक्ष (अनुदेशक संघ) विक्रम सिंह ने क्या कहा
इस विषय पर अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि, " जितनी तन्मयता और लगन से हम अपना काम करते हैं,उतनी लगन से शायद ही एक नियमित कर्मचारी काम करता हो,लेकिन फिर भी सरकार हम लोगों से भेदभाव करती है। उनको सरकार बोनस देती है महंगाई भत्ता बढ़ाती है और हमारा शोषण करती है। सरकार को चाहिए की हमको भी नियमित कर्मचारियों की तरह बोनस दे।
"कहीं दिया जले।
कहीं दिल जले।।
कहीं बोनस बटे।
कहीं मानदेय घटे"।।