आशीष मिश्रा के केस में जस्टिस राजीव सिंह ने सुनवाई से खुद को किया अलग, जानें क्या है वजह?

न्यायमूर्ति राजीव सिंह की बेंच ने ही आशीष मिश्रा को जमानत दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को रद्द कर दिया था।

Update: 2022-04-28 11:22 GMT

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में नया मोड़ आ गया है। आशीष मिश्रा (Ashish Mishra ) द्वारा सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के सामने सरेंडर करने के बाद इस मामले की नये सिरे से सुनवाई के लिए गठित जजों की बेंच में से इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allhabad High court ) की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश राजीव सिंह ( Justice Rajiv Singh ) ने खुद को इस केस की सुनवाई से अलग कर लिया है। बता दें कि 24 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने सरेंडर किया था।

दरअसल, न्यायमूर्ति राजीव सिंह की बेंच ने ही आशीष मिश्रा को जमानत दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को रद्द कर दिया था। अब इस मामले की सुनवाई के लिए नए न्यायाधीश की नियुक्ति के बाद अदालत मामले की अगली सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका के खिलाफ सुनवाई के दौरान विरोधी पक्ष के वकीलों ने अदालत से सुनवाई के लिए नई पीठ गठित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आदेश देने की जरूरत नहीं है। पीठ से जुड़े जज खुद ही इस मामले में सही फैसला लेेंगे।

इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में 27 अप्रैल को होनी थी लेकिन उसे आगे बढ़ा दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी। जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को मामले से अलग करने की जानकारी मुख्य न्यायाधीश को दे दी है। अब मुख्य न्यायाधीश नई बेंच का गठन करेंगे और तय करेंगे कि मामले की अगली सुनवाई कौन करेगा?

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से आशीष मिश्रा को दी गई जमानत रद्द कर दी थी। साथ ही आशीष मिश्रा ( Ashish Mishra ) को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने को कहा था। आशीष मिश्रा ने एक दिन पहले यानि 24 अप्रैल को अदालत के सामने सरेंडर कर दिया था। सरेंडर के बाद शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को जेल भेज दिया था। आशीष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा जमानत के लिए याचिका डाली थी, जिस पर 27 अप्रैल को सुनवाई होनी थी। अब इस पर सुनवाई कल हो सकती है।

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