देश की कृषि नीति व विधेयको पर सांसद ने की चर्चा, सांसद ने कहा कि यूपीए व उसके घटक दल बेवजह बखेड़ा कर रहें है 

Update: 2020-10-14 16:45 GMT

कौशाम्बी : देश की सबसे बड़ी पंचायत में मानसून सत्र के दौरान बीस विधेयक केन्द्र सरकार ने पारित किये है जिनमें श्रम, कृषि सहित अन्य 18 विधेयक कोविड महामारी के दौरान सांसद सदस्यों ने मौजूद रहकर पारित करने में योगदान दिया है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण विषयक कृषि विधेयक था। इस बिल पर हंगामा मचाने वाली यू0पी0ए0 घटक दल देश के अन्नदाता को गुमराह करने का काम कर रही है।

उक्त उदगार सांसद कौशाम्बी, सभापति संसदीय आचार समिति एवं राष्ट्रीय मंत्री भारतीय जनता पार्टी के विनोद सोनकर ने बुद्धवार को जिला पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुये कहा कि जब भी सदन की बैठक समाप्त होती है उसके बाद पत्रकारो से चर्चा करके देश की सबसे बड़ी पंचायत में किये गये विकास कार्यों के निर्णयों को अपने संसदीय क्षेत्र के जन-जन तक पहुँचाने के लिये चर्चा करता रहता हूँ। 

उन्होने कहा कि मानसून सत्र में संविदा व आउट सोर्सिंग के माध्यम से कार्य करने वाले लोगों को पूरे देश में सामान कार्य के लिये सामान वेतन दिलाने के लिये सदन में आवाज उठाया। इसके अलावा सशस्त्र सैनिकों के साथ-साथ उनके साजो समान उठाने वाले सैनिकों को भी शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग की यदि यह न हो सके तो उन्हे अन्य कोई दर्जा दिये जाए जिससे उन्हें सम्मान की नजर से देखा जा सके। 

सांसद विनोद सोनकर ने पत्रकार वार्ता को आगे बढ़ाते हुये श्रम व कृषि बिल पर ध्यान केन्द्रित करते हुये कहा कि पूर्व में जब यूपीए सरकार थी तब स्वामीनाथन कमेटी गठित करके उसकी सिफारिसे लागू की थी ताकि किसानों  को एम0एसपी पर उत्पादन का फायदा मिल सके। वर्तमान में पंजाब में किसानो के खातो में सीधे राशि नही भेजी जाती है। उन्होने कहा कि यूपीए व उसके घटक दल बेवजह बखेड़ा कर रहें है जिसकी वजह से देश का भोला-भाला किसान दिगभ्रमित हो रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान मंझनपुर विधायक लाल बहादुर, व सांसद मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पाण्डेय मौजूद रहें।

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