अपनी आत्महत्या के लिए मंत्री सहित 6 लोगों को जिम्मेदार ठहरा लगा ली सरकारी कर्मचारी ने फांसी, वीडियो वायरल

सेक्स रैकिट मामले में फंसाकर मकान के साथ लाखों रुपये हड़पने का भी लगाया आरोप मंत्री मनोहर लाल पन्थ पर भी बचाने के लिए लाखों रुपये लेने और न बचाने का भी लगाया आरोप

Update: 2020-09-08 17:07 GMT

ललितपुर। जनपद के स्वास्थ्य विभाग में तैनात ड्राइवर रामकुमार दुबे ने उत्पीड़न के चलते अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । आत्महत्या करने से पहले उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें उसने ऐसे कई दबंग लोगों का नाम उजागर किये जिन्होंने उसे किसी झूठे सेक्स रैकेट कांड में फंसा कर उसका मकान सहित लाखों रुपए नगदी हड़प लिए। इतना ही नहीं इस मामले को निपटाने के लिए उसने उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ मन्नू कोरी पर भी लाखो रुपए लेने के आरोप लगाए और पैसा लेने के बाद भी मामला नहीं निपटाया जिसके चलते उसने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

हालांकि मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद मामले की मेंजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए गए है और जांच रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। हाल ही में ताजा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत मुहल्ला आजादपुरा का है । जहां पीड़ित ड्राइवर राजकुमार दुबे ने स्वम् के मकान आजादपुरा में सुबह करीब 4 बजे फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली।

गौरतलब है कि मृतक राजकुमार दुबे का शव अपने ही घर में फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया गया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें जनपद की राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ पुलिस महकमे में भी हड़कंप की स्थिति उत्पन्न कर दी। वायरल वीडियो में मृतक राजकुमार दुबे द्वारा यह बताया जा रहा है कि यह वीडियो वह आत्महत्या करने से पहले बना रहा है।

जिसमें उसने स्पष्ट रूप से अपने बयान दिए कि वह सीएमओ ऑफिस में ड्राइवर के पद पर तैनात है । उसके साथ राजेंद्र सिंह यादव तथा पप्पू खान आलू वाले मंडी और जयंत सिंह उर्फ चंद्रपाल सिंह पुत्र शीतल सिंह परमार निवासी ग्राम सेरवास आदि ने उसे पहले तो सेक्स रैकिट में फंसाया। जिसके बाद सभी लोगों ने मिलकर दबाब बनाकर उससे उसका मकान और नगदी 20 लाख रुपये जबरन हड़प लिये । जब वह राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ उर्फ़ मन्नू कोरी के पास यह मामला लेकर गया तो उन्होंने इस मामले से बचाने के लिए उससे 20 लाख रुपए ले लिए और उसे नहीं बचाया जिसकी वजह से वह 1 साल जेल में रहा।

जिसके बाद जमानत पर छूटने के बाद जब वह आया तो बृजेश खरे एवं मनोज ने उससे पुनः 50 हजार रुपए मांगे, नहीं तो दोबारा जेल भिजवाने की धमकी दी। इस वीडियो में उसने यह भी बताया कि अब उसके पास कुछ नहीं बचा है और कई लोग उसे फिर से पैसे के लिए दबाव बना रहे हैं जिससे परेशान होकर वह आत्महत्या कर रखा है । वीडियो में उसने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को संबोधित कर कार्यवाही करने की मांग उठाई।

हालांकि वायरल वीडियो का मामला जिला अधिकारी योगेश कुमार शुक्ल की संज्ञान में आने के बाद उन्होंने उक्त पूरे मामले की जिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जैसे ही जांच आ जाएगी उसके बाद विधिक कानूनी कार्यवाही आरोपियों के खिलाफ की जाएगी। यह वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब राजनीतिक गलियारों से लेकर अधिकारियों के दिलों में भी हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई ।

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