उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर सलमान खुर्शीद ने दिया विवादास्पद बयान

रविवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट पेश किया। इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि दो से अधिक बच्चे वाले दंपतियों को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकेगी।

Update: 2021-07-11 13:14 GMT

फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का मसौदा तैयार कर लिया है तो योगी सरकार के इस विधेयक पर कई नेताओं ने हमले किए हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद ने भी इस संबंध में बड़ा बयान दिया है.सलमान खुर्शीद ने कहा कि प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण बिल लागू करने से पहले सरकार के नेता और मंत्री बताएं ​कि उनके कितने बच्चे हैं। साथ ही यह भी बताएं कि इनमें से कितने बच्चे अवैध हैं।

इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि पंचायत चुनाव में जो कुछ हुआ उसे चुनाव नहीं कहा जा सकता. बड़े-बड़े तानाशाह ऐसे ही चुनाव का बहाना लेकर बड़े पदों पर अपने को आसीन किया करते हैं.सलमान खुर्शीद उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।

आपको बता दें कि विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्घाटन भी किया गया है। इससे पहले सीएम योगी ने विश्व जनसंख्या दिवस पर कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता समेत प्रमुख समस्याओं का मूल है। समुचित समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है।

उन्होंने इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर लोगों से जनसंख्या से बढ़ती समस्याओं के प्रति स्वयं व समाज को जागरूक करने का प्रण लेने की अपील की। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास के लिए इसकी वृद्धि दर को नियंत्रित करना जरूरी है। सभी लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए जनसंख्या घनत्व को कम करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि छोटा परिवार ही खुशहाली का आधार हो सकता है। 

क्या है जनसंख्या नियंत्रण विधेयक में

जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के मसौदे के मुताबिक 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों के लिए दर्खास्त जमा से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लगाने सिफारिश की गई है. अगर ये बिल लागू हुआ तो दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन और प्रमोशन का मौका नहीं मिलेगा. इसके अलावा 77 सरकारी योजनाओं व ग्रांट से भी महरूम रखने का प्रोविजन है. इसके अलावा अगर परिवार के सरपर्सत सरकारी नौकरी में हैं और नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें इज़ाफ़ी इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सहुलियात देने की सिफारिश की गई है.


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