राम मंदिर का मुक़दमा लड़ने वाले 'रामलला के सखा' त्रिलोकी नाथ पांडे का हुआ निधन

अदालत में रामलला के सखा की भूमिका के तहत राम जन्मभूमि की पैरोकारी करते रहे त्रिलोकी नाथ पांडे का निधन हो गया।

Update: 2021-09-24 17:59 GMT

अदालत में रामलला के सखा की भूमिका के तहत राम जन्मभूमि की पैरोकारी करते रहे त्रिलोकी नाथ पांडे का शुक्रवार को रात 8:00 बजे निधन हो गया। वह बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों उन्हें लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था और यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।

विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार उनका शव देर रात तक कारसेवक पुरम लाया जाएगा इसके बाद बलिया स्थित उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा और वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

करीब 65 वर्षीय पांडे छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। संघ के माध्यम से ही वे विहिप में भेजे गए और मंदिर आंदोलन के सहयोगी के रुप में उन्होंने छाप छोड़ी। आंदोलन के प्रति उनका समर्पण और उनकी समझदारी को देखते हुए पूर्व न्यायमूर्ति देवकीनंदन अग्रवाल के निधन के बाद दो दशक पूर्व उन्हें विहिप की ओर से अदालत में रामलला के सखा के तौर पर नामित किया गया।

9 नवंबर 2019 को रामलला के हक में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में उनकी भी पैरोकारी महत्वपूर्ण मानी जाती है। हालांकि निर्णय आने के बाद वे जीत का जश्न ठीक से नहीं मना सके और तभी से वे बीमार चल रहे थे।

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