जेल में बंद चिन्मयानंद की हालत बिगड़ी, भेजे गए लखनऊ केजीएमयू

Update: 2019-09-23 08:49 GMT

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के आरोप में जेल भेजे गए हैं. जेल जाने के बाद से ही स्वामी चिन्मयानंद की हालत बिगड़ी हुई है. चिन्मयानंद को आज लखनऊ रेफर किया गया है.

स्वामी चिन्मयानंद का आज केजीएमयू (किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) में इलाज होगा. वो पिछले तीन दिनों से जेल में बंद है. उनकी तबीयत गिरफ्तारी से पहले ही बिगड़ गई थी. आज (सोमवार) सुबह ही पुलिस बल के साथ चिन्मयानंद को लखनऊ रवाना किया गया. बताया जा रहा है कि चिन्मयानंद को हार्ट और डाइबिटीज़ की दिक्कत की वजह से अस्पताल भेजा जा रहा है।

उधर दूसरी ओर संत समाज के अग्रणी एवं नैमिष पीठ में नारदा नंद सरस्वती आश्रम के ज्ञानीजी महाराज आज शाहजहांपुर में थे। शाहजहांपुर के हरीतिमा रेस्टोरेंट में उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में उतरते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने शाहजहांपुर को शैक्षणिक संस्थानों के रूप में 5 संस्थान दिए साथ ही हमेशा समाज सेवा के लिए तत्पर रहें आज उन्हें एक साजिश के तहत दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसा गया है। नैमिष पीठ के सैकड़ों संत उनके साथ खड़े हैं। उनके न्याय के लिए जहां भी जाना पड़ा उतरना पड़ा उतरने को तैयार हैं।

पत्रकारों के बीच ज्ञानी जी महाराज ने कहा की मालिश कराने का वीडियो जिसमें स्वामी चिन्मयानंद को मालिश करते हुए दिखाया गया है मालिश करना कहीं पर से अपराध नहीं है। अगर अपराध होता तो बड़े-बड़े शहरों में मसाज केंद्र खोलकर सरकार उनसे टैक्स वसूल रही है। उन्होंने कहा कि एक बेटी बनाकर उसकी मां को नौकरी देना, उसके भाई को नौकरी दिलवा ना उसके पूरे परिवार का दायित्व उठाना उस बिटिया की पढ़ाई का खर्च भी उठाना यह दिखाता है कि स्वामीजी अंदर से मानवीय संवेदना को लिए हुए हैं। उनकी मानवीय संवेदना से खिलवाड़ किया गया है। साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। संत समाज को बदनाम करने की कोशिश की गई है।

एक प्रश्न के उत्तर में ज्ञानी जी महाराज ने कहा कि जो संत स्वामी चिन्मयानंद का विरोध कर रहे हैं कुछ एक उंगलियों पर गिने जाने वाले लोग हैं वह क्यों विरोध कर रहे हैं किसके साथ हैं इसका भी खुलासा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी से रंगदारी मांगने के आरोप में लड़की को भी जेल भेजा जाना चाहिए। इसमें किसी तरह की कोई देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने फिर कहा कि मैं इस पीठ के स्वामी चिन्मयानंद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। उन्हें न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। इसमें किसी तरह का कोई झूठ नहीं है, क्योंकि सच और झूठ की लड़ाई में संत के साथ अगर संत नहीं खड़ा होगा तो धर्म की हानि होगी और धर्म की हानि कोई रोकना संत समाज का दायित्व बनता है। संत समाज आगे आए और स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में उतरे।

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