शामली पुलिस ने एक निर्दोष को रंगदारी के मामले में फ़र्ज़ी फँसाने पर हिस्ट्रीशीटर आशुतोष पर की कार्यवाही, जनता ने किया एसपी का धन्यवाद
मंगलवार को UP100 के माध्यम से सूचना मिली कि एक व्यक्ति जिसने अपना नाम भृगुवंशी आशुतोष पाण्डेय बताया है उससे एक बदमाश दो लाख रूपए की रंगदारी माँगने उसके घर आ रहा है। इस मामले को दिखवाने के लिए कहा गया। इस मामले की जानकारी एसपी अजय कुमार ने दी।
इस सूचना पर विश्वास करते हुए UP100 सेवा मौक़े पर पहुँची और वहाँ से एक निहत्थे, 20 साल के युवक, राजन जावला को लेकर थाना काँधला आई, और मामला दर्ज कर लिया गया। परन्तु, इस अनुक्रम में हुई सघन पूछ-ताछ में पूरा मामला फ़र्ज़ी पाया गया, जिसमें संभवत: किसी साज़िश के तहत इस युवक को फँसाया जा रहा था।
इसी अनुक्रम में जब थाने के अभिलेखों का अवलोकन किया गया तो UP100 पर फोन करने वाला व्यक्ति काँधला थाने का हिस्ट्रीशीटर (HS 76A) आशुतोष उर्फ़ अश्विनी पुत्र राजेन्द्र ज्ञात हुआ। जिसके ख़िलाफ़ विभिन्न जिलों व प्रदेशों में कुल मिलाकर अब तक 18 से भी अधिक मुकद्में दर्ज हो चुके हैं। साथ ही, मुख़बिरों से यह भी ज्ञात हुआ कि यह हिस्ट्रीशीटर फ़र्ज़ी मुकद्मे करने, और बयानबाज़ी कर माहौल ख़राब करने का आदी रहा है। आरोपी युवक राजन जावला का भी प्राग्वृत्त (Antecedents) देखा गया तो उसके ख़िलाफ़ अब तक कोई भी आपराधिक मामला संज्ञान में नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि मोबाइल के सीडीआर व मिस्ड कॉल के विवरण को देखने से ज्ञात हुआ कि उक्त हिस्ट्रीशीटर आशुतोष उर्फ़ अश्विनी की इस युवक से पहले से ही जान पहचान थी, और मोबाइल पर बात-चीत भी होती थी। इसने आरोपी युवक को पहले मिस्ड कॉल किया, फिर जब कॉल-बैक हुई तो इसने किसी बड़े नेता से मिलने का झाँसा देकर युवक को अपने घर पर बुलाया और साथ ही साथ UP100 पर भी कॉल कर दिया। जब UP100 मौक़े पर पहुँची तो इसने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। थाना पुलिस व स्वाट / सर्विलांस टीम ने पूरी तत्परता से उपरोक्त सारे सबूत संकलित करते हुए इस मामले को अकाट्य रूप से झूठा पाया है।
दूसरी तरफ़, इस आरोपी युवक राजन जावला के परिजन शुरू से ही थाने पर एकत्र हो गए थे। साथ ही, शिकायती तहरीर लेकर, पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच की माँग करते हुए एसपी शामली से भी मिले थे। जिस पर नियमानुसार, इस पक्ष की भी शिकायत का संज्ञान लेते हुए न्याय-हित में देर रात को उक्त हिस्ट्रीशीटर आशुतोष उर्फ़ अश्विनी के ख़िलाफ़ भी प्राप्त तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं 211, 342, 420 IPC के तहत मुकद्मा दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ कर दी गई है।