सिद्धार्थनगर में नौगढ़-बांसी मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ने से PET अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

सिद्धार्थनगर में इस समय बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिल रहा है,जिले की लगभग सभी तहसीलों के ज्यादातर गावों में पानी आ चुका है तो वहीं बांसी नगर पालिका के ज्यादातर कॉलोनियों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है।15 और 16 को PET की परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को बाढ़ की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

Update: 2022-10-16 13:00 GMT

सिद्धार्थनगर में बाढ़ के बढ़ते दायरे ने रविवार को बांसी नौगढ़ मार्ग को अपनी चपेट ले लिया है। नेशनल हाइवे पर पानी चढ़ने के कारण आवागमन प्रभावित हो गया। सड़क पर करीब दो फीट पानी बहने के कारण PET परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अनहोनी की आशंका है जिससे दूसरे जिले आए अभ्यर्थियों ने जाते समय रास्ता बदल दिया।

राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है 

राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि बारिश बंद होने के बाद बाढ़ से राहत मिलेगी, जबकि बाढ़ का दायरा सिमटने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह राप्ती नदी का जलस्तर 86.270 मीटर के निशान पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 85.900 और बाढ़ के इतिहास के उच्चतम जलस्तर 85.950 मीटर है। 

जिले के कई गांव हैं प्रभावित

इसी प्रकार बूढ़ी राप्ती 87.280 मीटर पर बह रही है, जिसका खतरे का निशान 85.650 मीटर पर बना हुआ है। कूड़ा नदी खतरे के निशान 83.520 मीटर की अपेक्षा 83.610 मीटर के निशान पर बह रही है।

जिले में 434 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिनमें 193 मैरुंड हो गए हैं। घरों में पानी भरने पर पलायन करके बांधों पर शरण लेने वालों को बेसब्री की बाढ़ वापस जाए ताकि वे अपने घरों में फिर से गृहस्थी का इंतजाम करने पहुंच सकें। 41 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ प्रभावित है, जिसमें 3.26 लाख बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं।

बांसी नगर पालिका के कई कॉलोनियों में घुसा पानी

बांसी नगर पालिका के कई कॉलोनियों में बाढ़ का पानी आने से अकबरनगर,मंगल बाजार समेत कई कॉलोनियों में बाढ़ का पानी आने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।



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