फर्जी मुकदमे में फसाना पुलिस को पड़ा महंगा, न्यायाधीश मनोज शुक्ला ने एसएचओ के ऊपर दर्ज किया मुकदमा

न्यायालय में चल रहे मुकदमे की सुनवाई के बाद ए डी जे फोर ने वादी को पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में फँसाये जाने के मामले में एक एस एच ओ को जेल भेजने की कार्यवाही करनी पड़ गई जिसकी खबर सुनते ही पुलिस कप्तान सहित महकमे के पुलिस अधिकारी दीवानी न्यायालय में अपनी फरियाद लेकर पहुंच गए

Update: 2019-04-27 01:55 GMT

सुल्तानपुर: ईमानदार पुलिस कप्तान अनुराग वत्स के खाकी वर्दी पर आखिर कार खाकी वर्दीधारियों ने दाग लगा ही दिया भले ही पुलिस कप्तान की यह जुबानी रही हो कि किसी को बेकसूर नही फंसाया जायेगा लेकिन दीवानी न्यायालय में चल रहे मुकदमे की सुनवाई के बाद ए डी जे फोर ने वादी को पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में फँसाये जाने के मामले में एक एस एच ओ को जेल भेजने की कार्यवाही करनी पड़ गई जिसकी खबर सुनते ही पुलिस कप्तान सहित महकमे के पुलिस अधिकारी दीवानी न्यायालय में अपनी फरियाद लेकर पहुंच गए लेकिन ए डी जे फोर ने आखिर कार जेल भेज ही दिया जिससे सूबे की सरकार की मित्र पुलिस पर सवाल खड़ा हो गया है ।

क्या है मामला

मामला जनपद के धम्मौर थाने का है बताया जाता है कि बीते 17 मार्च 2019 को पुलिस टीम के साथ ग़ाफ़िर हुसैन जैदी व हैदर अब्बास उर्फ गब्बर व सैयद ग़ाफ़िर हुसैन जैदी सहित अन्य लोगो को पुलिस ने पांच धाराओं के साथ अपराध संख्या 93-2019--115, 302 आई पी सी के तहत मुकदमा पंजी कृत कर जेल भेज दिया गया था बताया जाता है कि उदय भान सिंह उर्फ बबलू प्रधान सुखीवाजगढ़ जामो व जंग बहादुर सिंह व प्रदीप सिंह पहाड़ी भी जेल में बंद थे उदयभान सिंह उर्फ बबलू प्रधान और जंग बहादुर सिंह व प्रदीप सिंह पहाड़ी में आपस मे दुश्मनी थी जानकारी है कि उदयभान सिंह की तवियत जेल में खरांब होने के कारण उपचार हेतु जिला चिकित्सालय लाया गया जहाँ उनसे मिलने हैदर अब्बास उर्फ गब्बर सहित अन्य लोग मिलने आये बताया जाता है कि उदयभान सिंह ने प्रदीप सिंह पहाड़ी को मारने की सुपारी हैदर अब्बास को दिया था 2017 में जंग बहादुर सिंह व प्रदीप सिंह पहाड़ी जेल में बंद थे प्रदीप सिंह पहाड़ी की फ़ोटो हैदर अब्बास को दिया गया था लेकिन पुलिस ने जिन आरोपियों के ऊपर धारा 115 व 302 सहित अन्य धाराओं में जेल भेजा उन धाराओं को संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश मनोज शुक्ला ने जिरह होने के दौरान विवेचक रहे प्रवीण सिंह से यह सवाल किये कि जब हत्त्या ही नही हुआ तो हत्त्या में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया गया वही विवेचक प्रवीण ने भी पुलिस की तहरीर को ही सही माना इसी मामले को लेकर न्यायाधीश ने एस एच ओ धम्मौरको भा 0 दि 0 वी धारा 194, 195 मुकदमा दर्ज करने का आदेश कर दिया तो वही सी जी एम आशा रानी की अदालत ने जमानत मंजूर कर दिया।

पुलिस ने 17 मार्च 2019 को हैदर अब्बास व सैयद ग़ाफ़िर को पांच धाराओं सहित धारा 115, 302 के तहत जेल भेज था जिसकी सुनवाई करते हुए ए डी जे फोर ने दोनों मुल्जिमो को 20 -20 हजार की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया वही धम्मोर एसएचओ प्रवीण कुमार सिंह पर भा0 दि0 वी0 धारा 194 ,195 के तहत मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया तो सी जी एम ने एस एच ओ प्रवीण कुमार सिंह को जमानत करने का आदेश दे दिया।

पुलिस ने इन मुकदमो में फंसाया था 

पुलिस ने हैदर अब्बास उर्फ गब्बर पुत्र सहगल हुसैन ,सैयद ग़ाफ़िर हसन जैदी उर्फ फारूख मनियार पुर थाना कुड़वार सहित आधा दर्जन को फर्जी मुकदमा संख्या89/19 धारा 307,90/19 धारा 3/25,90/19-3/25,92/19- 419,420,467,468,471,93/19---115/302 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा था ।

कौन कौन थे वर्दी धारी

फर्जी मुकदमो में फंसा कर भेजे गए दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी में एस आई राघवेंद्र प्रताप स्वाट टीम, रतन कुमार शर्मा, अनूप कुमार सिंह , सिपाही सुसील, तेजभान, पवनेश यादव, समरजीत , अजीत सुरजीत ने खुलासे में निभाई थी अहम भूमिका ।

पुलिस ने भेजा था जेल

हैदर अब्बास उर्फ गब्बर,सैयद ग़ाफ़िर हसन जैदी, अजय चौहान, उदयभान सिंह , शैलेन्द्र प्रताप सिंह , बजरंग बहादुर सिंह, और हैदर अब्बास की जमानत लिए चार जमानत को मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था ।

स्वाट टीम पर हो सकती है कार्यवाही

फर्जी मामले में जितना दोषी मानते हुए एस एच ओ प्रवीण कुमार सिंह को न्यायाधीश मनोज शुक्ला ने मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही का आदेश जारी किया है वही अधिवक्ताओं का कहना है कि इस मामले में जिन एस आई व स्वाट टीम ने फर्जी तरह से कूट रचित कर जिंदा व्यक्ति को मार डालने के आरोप में आधा दर्जन से अधिक लोगो के ऊपर मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया है उनके ऊपर भी उक्त कार्यवाही होना सुनिशित है ।

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