Exit Poll ने बताया कहां गए BSP के वोटर्स?

अधिकतर एग्जिट पोल्स में दावा किया गया है कि एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने जा रहा है...

Update: 2022-03-08 03:19 GMT

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सातों चरणों की वोटिंग खत्म होने के बाद बीते सोमवार शाम एग्जिट पोल्स ने जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए खुशखबरी के संकेत दिए हैं तो 2017 के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सपा सत्ता से दूर दिख रही है। अधिकतर एग्जिट पोल्स में दावा किया गया है कि एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने जा रहा है तो वहीं सपा गठबंधन 47 सीटों से बढ़कर करीब 150 सीटों तक बढ़ता दिख रहा है। हालांकि, बसपा और कांग्रेस की इस चुनाव में भी दुर्गति होने का अनुमान है। बसपा का वोटशेयर भी काफी घट जाने की भविष्यवाणी की गई है।

बता दें कि चुनाव प्रचार अभियान में हाथी की सुस्ती के बाद से ही यह बड़ा सवाल उठने लगा था कि मायावती के रेस में नहीं दिखने से क्या उनके वोटर्स कहीं और शिफ्ट होंगे? और यदि हां तो किधर जाएंगे? एग्जिट पोल्स के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि हाथी की सवारी छोड़ने वाले अधिकतर वोटर्स साइकिल पर बैठे हैं। Zee News DesignedBox का सर्वे कहता है कि इस बार भाजपा को 39 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है, जबकि 2017 के चुनाव में भी पार्टी को लगभग इतना ही (39.7 फीसदी) वोट शेयर मिला था। वहीं, सपा को 34 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि अखिलेश यादव पिछले चुनाव में पार्टी को 22.2 फीसदी वोट ही मिले थे। इस लिहाज से देखें तो सपा को इस बार 12 फीसदी अधिक वोट शेयर मिला है, जोकि एक बड़ा उछाल है।

वहीं, बहुजन समाज पार्टी को जहां 2017 में 21.8 फीसदी वोट मिला था तो एग्जिट पोल में इस बार महज 13 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। यदि एग्जिट पोल सही साबित होता है तो बसपा को करीब 8 फीसदी वोट शेयर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को पिछली बार की तरह ही 6 फीसदी वोट शेयर मिलने का आकलन है।

वहीं इस लिहाज से देखें तो तीन बातें साफ होती हैं, पहली यह कि बीजेपी के वोटर्स पार्टी के साथ बने रहे। दूसरा- सपा ने गठबंधन साथियों के दम पर इस बार पार्टी का आधार बनाने में सफलता पाई है। तो वहीं बसपा का बेस यूपी में लगातार सिमटता जा रहा है। चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती को इससे टेंशन हो सकती है। बसपा का बड़ा वोट शेयर संभवत: सपा की ओर शिफ्ट हो गया है। वहीं, काफी कोशिशों के बावजूद भी प्रियंका कांग्रेस के हालात नहीं बदल सकी हैं। 

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