Coronavirus : योगी सरकार का बड़ा फैसला, NPR के पहले चरण के काम पर लगाई रोक

उत्‍तर प्रदेश के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है

Update: 2020-05-16 04:35 GMT

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे और को देखते हुए राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर के काम पर रोक लगा दी है. फिलहाल योगी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2021 के पहले चरण का काम रोका है. हालात को देखते हुए आगे के चरणों पर बाद में फैसला लिया जाएगा.

उत्‍तर प्रदेश के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. सरकार की ओर से सभी जिलों के जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को इस बारे में आदेश भेज दिया गया है.

उत्तर प्रदेश में 16 मई से NPR का काम शुरू होने वाला था और 30 जून तक पहले चरण का काम पूरा होने वाला था. प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार द्वारा जारी शासनादेश में देश के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त की तरफ से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र का हवाला दिया गया है.

एनपीआर के पहले चरण में मकान सूचीकरण, मकानों की गणना, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तथा जनगणना को संचालित किए जाने के संबंध में होने वाले अन्य क्रियाकलापों को करना था लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इन सभी कार्यों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को नरेंद्र मोदी की सरकार ने मंजूरी दी थी. इसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली को दर्ज किया जाएगा. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की ओर से कहा गया था कि असम के अलावा पूरे देश में NPR पर काम शुरू होगा. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के लिए अलावा देशभर में घर- घर जाकर ये जनगणना की जाएगी.

 अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 के दौरान भारत सरकार ने जनगणना 2011 के लिए घर-घर जाकर सूची तैयार करने तथा हर घर की जनगणना के चरण में देश के सभी सामान्य निवासियों के संबंध में विशिष्ट सूचना जमा करके इस डेटाबेस को तैयार करने का काम शुरू किया था. देश में पहली जनगणना 1951 में शुरू हुई थी. अब तक 7 बार जनगणना हो चुकी है.

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