ऐल्जेब्रा और मुस्लिम योगदान..

पूर्व में पश्चिम की तरफ़ से मुस्लिम योगदान को नकारने के भरसक प्रयत्न हुए हैं जिनका अपना एक इतिहास है। इन प्रयासों में उनके महत्व को कम करने के लिये उस विरासत को केवल ग्रीक ज्ञान के अनुवाद तक सीमित रखने पर बल दिया गया..;

Update: 2021-09-19 13:10 GMT

गणित, विशेषकर बीजगणित (Algebra) के विकास में मुस्लिम योगदान पर किताब लिखना आसान काम नहीं है क्योंकि नवीन जानकारियाँ सतत सामने आ रही हैं। इस संदर्भ में अल-ख़्वारिज़मी, साबित बिन क़ुर्रा और उमर ख़य्याम की जीवनी का अध्ययन एक नयी दृष्टि प्रदान करता है।

अल-ख़्वारिज़मी की जीवनी और उसके योगदान विषयक समग्र जानकारी सहज उपलब्ध होने के बावजूद ऐसा महसूस होता है कि बहुत से पहलू तिशना हैं। इसके अतिरिक्त हमारे लिए सोचने का मक़ाम यह है कि भारत के संदर्भ में विज्ञान, गणित और दीगर क्षेत्रों ने अरब, परशियन, तुर्क, अफ़्रीकन, मुग़ल इत्यादि के योगदान पर लिखा जाना आवश्यक क्यों है? इसकी वजह यह है कि दक्षिण पंथ के उभार के कारण भारत में एक बड़ी आबादी ज्ञात कारणों से मुस्लिम योगदान के प्रति इनकार की सूरत इख़्तियार करे हुए है।

पूर्व में पश्चिम की तरफ़ से मुस्लिम योगदान को नकारने के भरसक प्रयत्न हुए हैं जिनका अपना एक इतिहास है। इन प्रयासों में उनके महत्व को कम करने के लिये उस विरासत को केवल ग्रीक ज्ञान के अनुवाद तक सीमित रखने पर बल दिया गया। उसके बाद एक धारा ऐसी सामने आयी जिसने यह साबित किया कि तमाम चीज़ें ग्रीक और इंडियन के प्रभाव का नतीजा हैं। "मुस्लिम योगदान" पर ग्रीक और भारतीय ज्ञान का कितना प्रभाव है, इस पर हमने चर्चा की है, और यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि किस तरह केवल Syriac-Persian या Jewish ज्ञान के interaction का सीमित प्रभाव पड़ा है। इसके साथ बीजगणित में x और और अल-ख़्वारिज़मी द्वारा प्रयोग किए गए अरबी शब्द शै में क्या सम्बंध है, के साथ अन्य notations पर चर्चा की गयी है।

ख़लीफ़ा मामून रशीद के काल में मुहम्मद बिन मूसा अल-ख़्वारिज़मी दारूल हिकमा का सदस्य बना जहां कम से कम 12 विषयों पर उसका notable work आज हमारे सामने है।

हमारी इस स्टडी में "अल जबर व अल मुक़ाबला" का ज़िक्र ऐल्जेब्रा के संदर्भ में विस्तार से किया गया है। अल-जबर का मतलब है किसी समीकरण में दोनों ओर ऐसे पद (term) को जोड़ने से है ताकि ऋणात्मक पद विलुप्त (eliminate) हो जाये। अल मुक़ाबला का अर्थ है दोनों ओर से धनात्मक पदों का मान (value) कम करने से है।

अल-ख़्वारिज़मी ने क्वाड्राटिक समीकरणों की छः क़िस्में और उनके हल की विधियाँ बयान की हैं जिन्हें इस पोस्ट में विधिवत लिखा जाना सम्भव नहीं।

- असग़र मेहदी

( फेसबुक वॉल से )

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