तुर्की राष्ट्रपति ने कहा, दुनिया पांच देशों का अनुसरण करने पर मजबूर नहीं है

Update: 2017-10-23 12:15 GMT

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कहा है कि दुनिया, सुरक्षा परिषद की पांच शक्तियों का अनुसरण करने पर मजबूर नहीं है। ईरान की न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने शनिवार को इस्तांबोल में इब्ने ख़लदून विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के पांच सदस्यों को यह अधिकार हासिल नहीं है कि जिस तरह चाहें दुनिया का भविषय निर्धारित करें।

उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात द्वितीय विश्व की तुलना में काफ़ी बदल गये हैं और दूसरे मामलों की भांति इस विषय में भी सुधार बहुत आवश्यक है। उन्होंने म्यांमार की कट्टरपंथी सेना और बौद्ध चरमपंथियों के हाथों इस देश के रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार के बारे में सुरक्षा परिषद की कमज़ोर भूमिका की ओर संकेत करते हुए कहा कि आतंकवाद के बहाने रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार कर रहे हैं।

ज्ञात  रहे कि अमेरिका, फ़्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन पर आधारित सुरक्षा परिषद के पांच सदस्यों के पास ही केवल वीटो का अधिकार है।

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