अनुच्छेद 370: जम्मू- कश्मीर मसले पर UNSC की क्लोज्ड- डोर बैठक, रूस ने दिया भारत का साथ

जानकारी के अनुसार, बैठक में यूएनएससी के 5 स्थाई और 10 अस्थाई देशों के प्रतिनिधियों को ही शामिल हुए?

Update: 2019-08-16 15:47 GMT

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन की मांग पर जम्मू कश्मीर मुद्दे को लेकर बैठक खत्म हो गई है। आपको बतादें चीन ने जम्मू- कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाने की मांग की थी। चीन ने ये भी मांग की थी कि बैठक में मंत्रणा क्लोज्ड- डोर कंसल्टेशन यानी बंद कमरे में होनी चाहिए।

UNSC में कश्मीर को लेकर जहां रूस भारत के पक्ष में नजर आया। वहीं चीन ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए। हालांकि रूस ने कश्मीर को लेकर सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत का समर्थन किया है। यूएनएससी की बैठक खत्म होने के बाद चीनी राजदूत ने कहा कि भारत ने जो संवैधानिक संशोधन किया है उससे मौजूदा स्थिति बदल गई है। चीन ने कहा कि कश्मीर में हालात चिंताजनक हैं। चीन ने कहा है कि कोई पक्ष एकतरफा कार्रवाई न करे। ऐसी एकतरफा कार्रवाई वैध नहीं है। दरअसल, हाल ही में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

रिपोर्टस के अनुसार, पाकिस्तान भी इस बैठक में शामिल होना चाह रहा था, लेकिन उसे बैठक में शामिल होने से ये कहकर मना कर दिया गया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है। जानकारी के अनुसार, बैठक में यूएनएससी के 5 स्थाई और 10 अस्थाई देशों के प्रतिनिधियों को ही शामिल होने को कहा गया था।

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से कश्मीर मसले पर टेलीफोन पर बता की थी। इमरान खान ने ट्रम्प को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हाल के घटनाक्रम और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा होने पर पाकिस्तान की चिंता से अवगत कराया था।

वहीं कश्मीर मसले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था,'हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में से चार से संपर्क किया है और हम फ्रांसीसी राष्ट्रपति से भी संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनका देश हमारी स्थिति को समझे।'

गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार जम्मू- कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर उठाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि उसे ज्यादातर देशों से निराशा ही हाथ लग रही है। रिपोर्ट की मानें तो, चीन के अलावा, शेष चार स्थाई सदस्य - ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमेरिका चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय विवाद में आपस में दूर करें।

इससे पहले कुवैत को छोड़कर अन्य गल्फ देशों ने भी जम्मू- कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। जबकि दक्षिण अफ्रीका में विपक्षी पार्टी की नेता सैंडी कल्याण ने भी कहा था कि जम्मू- कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है और इसमें किसी अन्य देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के साथ राज्य से विशेष राज्य का दर्जा भी छीन लिया था।

सरकार ने इसके साथ ही लद्दाख औऱ जम्मू- कश्मीर को विभाजित करते हुए दोनों को अलग- अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में खटास आ गई थी औऱ इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को भी बहुत हद तक कम कर दिया था। 

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