रफ़ाल समझौते पर सुप्रीम कोर्ट में दायर सभी पुर्नविचार याचिकाओं के ख़ारिज होने के बाद भी सीबीआई इस सौदे की जांच कर सकती है. द हिंदू अख़बार में प्रकाशित समाचार में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में शामिल जस्टिस केएम जोसेफ़ ने कहा है कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर सीबीआई रफ़ाल सौदे की जांच कर सकती है.
जस्टिस जोसेफ़ ने अलग विचार रखते हुए कहा कि अगर शिकायत में संज्ञेय अपराध की ओर इशारा होगा तो सीबीआई इसकी जांच कर सकती है, हालांकि इसके लिए एजेंसी को प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट की धारा 17 के तहत सरकार से स्वीकृति लेनी होगी. उन्होंने बताया कि पुनर्विचार याचिकाओं का ख़ारिज होना और इस मामले में सीबीआई जांच करवाना दोनों अलग-अलग बातें हैं.
उधर बीजेपी के बड़े बड़े नेता कांग्रेस अध्यक्ष को दोषी ठहरा रहे है जबकि कांग्रेस के नेता बीजेपी नेताओं की ख़ुशी को फर्जी ख़ुशी बता रहे है. फिलहाल इस फैसले से कहीं ख़ुशी कहीं गम का माहौल बना हुआ है लेकिन फिलहाल बीजेपी की गले की हड्डी बना है फैसला?