तीन महीने में देश को मिलेगा नया सेनाध्‍यक्ष, जानें- कौन-कौन हैं रेस में सबसे आगे?

रक्षा मंत्रालय ने नए सेनाध्‍यक्ष की नियुक्‍ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वर्तमान सेनाध्‍यक्ष जनरल विपिन रावत इस साल के अंत में 31 दिसंबर को सेवानिवृत्‍त हो रहे हैं.

Update: 2019-09-26 04:57 GMT

नई दिल्ली : देश को अगले तीन महीने में नया सेनाध्‍यक्ष मिल जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने नए सेनाध्‍यक्ष की नियुक्‍ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वर्तमान सेनाध्‍यक्ष जनरल विपिन रावत इस साल के अंत में 31 दिसंबर को सेवानिवृत्‍त हो रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरावने, लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी नए सेनाध्यक्ष की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति में आखिरी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ही लेती है. रक्षा मंत्रालय का दखल इसमें कम होता है और वह केवल प्रक्रिया शुरू करती है. बता दें कि रिटायरमेंट से चार-पांच महीने पहले से ही नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है.

नए सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया उस समय शुरू की गई है, जब पाकिस्‍तान से तनाव एकदम चरम पर है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और आए दिन सीजफायर का उल्‍लंघन कर रहा है.

सेनाध्‍यक्ष जनरल विपिन रावत के बारे में

दलवीर सुहाग के बाद देश के 26वें आर्मी चीफ बने थे.

सितंबर 2016 में वाइस चीफ बने थे. इससे पहले पुणे में सदर्न कमांड के जीओसी इन कमांड थे.

अशांत इलाकों में अरसे तक काम करने का अनुभव, कई बड़े ऑपरेशन्स की कमान संभाल चुके हैं.

पाकिस्तान से लगती LoC, चीन से जुड़ी एलएसी और पूर्वोत्तर में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल रावत सेना में दिसंबर 1978 में शामिल हुए. उन्हें 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमिशन मिला था.

चीन से लगे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर 1986 में इन्फेन्ट्री बटैलियन संभाल चुके हैं.

रावत 5 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स और कश्मीर घाटी में 19 इन्फेन्ट्री डिविजन की अगुआई कर चुके हैं.

ब्रिगेडियर के तौर पर उन्होंने कॉन्गो में यूएन पीसकीपिंग मिशन के मल्टीनेशनल ब्रिग्रेड की अगुआई की.

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