जस्टिस ए.के. सीकरी ने ठुकराया सरकार का ऑफर, अब नहीं बनेंगे CSAT के अध्यक्ष

जस्टिस सीकरी नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उस तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा थे, जिसने गुरुवार को सीबीआई प्रमुख वर्मा को उनके पद से हटाने का निर्णय लिया था।

Update: 2019-01-14 11:50 GMT
Justice AK Sikri/ Photo : Special Coverage News

नई दिल्ली : पिछले सप्ताह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को हटाने के लिए केंद्र के पक्ष में वोट देने वाले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने विवाद उत्पन्न होने के बाद अब राष्ट्रमंडल सचिवालय पंचाट न्यायाधिकरण (सीसेट) के अध्यक्ष/सदस्य में नामांकन के लिए अपनी असहमति जता दी है। सीकरी के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनके नामांकन की खबरें आने के बाद सीकरी ने उस पद के लिए रविवार को सरकार से संपर्क कर नामांकन वापस लेने की इच्छा जताई।

उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यायाधीश से दिसंबर में इस पद के लिए उनकी इच्छा पूछी थी। सीकरी तब इसके लिए सहमत हो गए थे। सूत्रों के अनुसार, उनके नामांकन की खबर आने तक सरकार से कोई बात नहीं होने पर सीकरी ने रविवार शाम सरकार को बताया कि वे अब अपना मन बदल रहे हैं। 

सीकरी नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उस तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा थे, जिसने गुरुवार को सीबीआई प्रमुख वर्मा को उनके पद से हटाने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री मोदी और न्यायमूर्ति सीकरी ने वर्मा को हटाने के पक्ष में वोट दिया, जबकि समिति के तीसरे सदस्य लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने के खिलाफ वोट दिया था।

सीसेट की स्थापना राष्ट्रमंडल सचिवालय के समझौता ज्ञापन (1964) की जरूरतों को देखते हुए लिया गया है। सरकारों ने इसे 2005 में दोहराया था।

समझौता ज्ञापन के अंतर्गत आने वाले अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने राष्ट्रमंडल सचिवालय अधिनियम 1966 पारित किया, जो अन्य सहूलियतों के अतिरिक्त राष्ट्रमंडल सचिवालय को विधिक आकार प्रदान करने के अलावा इसे निश्चित प्रतिरक्षा और विशेषाधिकार देता है।

सीसेट में एक अध्यक्ष और सात सदस्य होते हैं। इसके सदस्यों के तौर पर राष्ट्रमंडल सरकारों द्वारा क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के आधार पर उच्च नैतिक चरित्र वाले ऐसे व्यक्ति को लिया जाता है, जो किसी राष्ट्रमंडल देश में एक उच्च विधि कार्यालय में कार्यरत रहा हो।

सदस्यों का चयन चार साल के कार्यकाल के लिए किया जाता है, जिसे एक बार बढ़वाया जा सकता है।

सात मार्च, 1954 को जन्मे सीकरी ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर 12 अप्रैल, 2013 को शपथ ली थी। इससे पहले वह पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके थे।

Full View

Similar News