...तो इस वजह से बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुआ 'गठबंधन', पार्टी में मची खलबली

पहली बार यहां बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने गठबंधन कर सबको हैरान कर दिया है। राजनीति में कुछ भी संभव है, कब कौन किस तरफ शामिल हो जाए। कौन किसके साथ मिलकर सरकार बना ले कुछ कहा नहीं जा सकता।

Update: 2018-04-26 08:44 GMT

गुवाहाटी : राजनीति में कुछ भी संभव है, कब कौन किस तरफ शामिल हो जाए। कौन किसके साथ मिलकर सरकार बना ले कुछ कहा नहीं जा सकता। इससे मिलता-जुलता एक ताजा उदाहरण उत्तर-पूर्व राज्य मिजोरम में देखने को मिला।

मिजोरम में स्थानीय निकाय में चुनाव के बाद सत्ता हासिल करने के लिए पहली बार बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने आपस में गठबंधन कर लिया है। दरअसल मिजोरम के 20 सदस्यीय चकमा स्वायत्त जिला परिषद (CADC) के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने छह सीट और बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी।

वहीं मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने सबसे अधिक आठ सीटों पर कब्जा जमाया था। ऐसे में सत्ता के लिए जरूरी 11 सीट हासिल करने में सभी पार्टी दूर रहीं। न तो कांग्रेस को बहुमत मिला और न ही बीजेपी को बहुमत मिला।

ऐसे में इस वजह से भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने चुनाव के बाद सत्ता के लिए गठबंधन कर परिषद पर कब्जा जमा लिया। इससे सियारी गलियारों में खलबली मची हुई है। स्थानीय नेताओं के इस अप्रत्याशित कदम से राज्य बीजेपी नाराज है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले अपने नेताओं पर कार्रवाई कर सकती है।

वहीं, कांग्रेस ने कहा कि दोनों दलों के स्थानीय नेताओं ने समझौता किया है और चुनाव बाद यह गठबंधन बना। उन्होंने आगे कहा कि इस गठबंधन से राज्य के विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

आपको बता दें सीएडीसी एक स्वायत्त परिषद है। सीएडीसी के लिए 20 अप्रैल को वोट डाले गये थे। बताया जा रहा है कांग्रेस ने कम सीटें जीतने वाली बीजेपी को काउंसिल का अध्यक्ष पद दिया है जबकि ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी उपाध्यक्ष का पद अपने पास रखा है। गठबंधन फॉर्मूले के तहत बीजेपी के संती जीबान चकमा चकमा स्वायत्त जिला परिषद के नेता होंगे वहीं कांग्रेस के बुद्ध लीला चकमा सदन के उपनेता होंगे।

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