प्रसव के दर्द से कराह रही थी महिला, लोग तमाशबीन बने देख रहे थे, तभी पुलिस के इस अधिकारी की पड़ी नजर और फिर ...

Update: 2018-09-15 11:28 GMT

 समाज को इंसानियत का पाठ पढ़ाते हुए एक दरोगा ने अपनी ड्यूटी से ऊपर उठकर इंसानियत दिखाई औऱ उसके प्रयास से एक गर्भवती महिला की जान बच गई। दरोगा प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को गोदी में उठाकर इधर से उधर भागता रहा वहीं स्वास्थ्य विभाग अस्पताल में एक स्ट्रेचर भी उपलभ्ध नहीं करा पाया।

मथुरा के जिला अस्पताल में महिला को गोदी में लेकर जा रहा दरोगा हाथरस सिटी स्टेशन थाने पर तैनात सोनू कुमार है। सोनू मथुरा में किसी मामले को लेकर न्यायालय आए थे। सोनू कुमार जब हाथरस से आने वाली ट्रेन से मथुरा के छावनी स्टेशन पर उतरे तो उन्हें यहां बल्लभगढ़ की रहने वाली महिला भावना प्रसव पीड़ा से कराहती दिखी।


महिला के चारों तरफ भीड़ थी लेकिन मददगार कोई नहीं। इस पर जब सोनू की नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन काफी देर तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची और भावना का दर्द बढ़ता जा रहा था तो सोनू कुमार बिना देर किए उसे ई रिक्शा में बैठा कर ले पहुंचे जिला अस्पताल के इमरजेंसी रूम में। यहां बैठे चिकित्सकों ने भावना को बिना देखे ही सोनू से कह दिया कि इसे महिला अस्पताल ले जाओ।


इस पर जब स्ट्रेचर की मांग की तो वह नहीं मिला जिसके बाद दरोगा ने भावना की बढ़ती पीड़ा को देखकर उसे गोदी में उठाया और दौड़ पड़ा महिला अस्पताल की तरफ़। पुलिस के बदनाम चेहरे की जगह मानवता वाला चेहरा दिखा वहीं लोगों की जान बचाने वाले स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने ला दी। इस मामले में दरोगा सोनू कुमार भी लोगों की तरह अनदेखा कर देते तो शायद भावना की जान पर बन सकती थी ।

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