वोट खरीदने के लिए दिल्ली में झूठ और बिहार में एडवांस पेमेंट ,महाराष्ट्र में नकद बांटते पकड़े गये थे

क्या हुआ राम जानें, अमृतकाल में नामुमिकन मुमकिन हो रहा है;

Update: 2025-09-27 04:06 GMT

राहुल गांधी ने कहा था वोट चोरी रोकना मेरा काम नहीं है। जिन्हें रोकना है वो अपना काम नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्हें करना पड़ रहा है। भाई लोगों ने इसके लिए भी राहुल गांधी की आलोचना की और वोट चोरी तो मानते ही नहीं हैं। पर खेला खुल्ला है जिसे नहीं देखना है वो नहीं देखेगा। जनता को फायदा तो हो ही रहा है और राहुल गांधी का श्रम सार्थक है। आइये बताता हूं कैसे? खबर है कि बिहार की 75 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 10,000 रुपये भेज दिये। इससे पहले दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर 2500 रुपये देने की घोषणा थी, मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना और महाराष्ट्र में भी ऐसी योजना थी। चुनावी राज्यों के अनुसार भाजपा द्वारा महिलाओं को नकद देने की खबरों की जांच करने पर पता चला कि दिल्ली में महिलाओं को 2,500 रुपये महीने चुनाव जीतने के बाद दिये जाने थे उसकी शुरुआत अभी तक नहीं हुई है। वैसे तो दिल्ली की महिलाओं के लिए ढाई हजार रुपये हर महीने भी ऊंट के मुंह में जीरा होना है लेकिन जीतने के बाद दिया जाना था।

यहाँ यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि दिल्ली में चुनाव से पहले वोट चोरी के कई मामलों का पता चला था और आरोप लगे थे। संबंधित लोगों को उसपर भरोसा भी रहा होगा। वोट चोरी हुई भी होगी। नाम जोड़ने, काटने सबके उदाहरण सामने आये थे। लेकिन हुआ-गया कुछ नहीं, भाजपा जीत गई। केजरीवाल का हारना बुरा हो या भला 2500 महीने का वादा तो अच्छा था। पर आज 10,000 दिये जाने की खबर पर याद आया कि जिसने 2500 नहीं दिये उसने 10,000 दे दिये। ये खेल क्या कहलाता है? 2500 हर महीने देना शुरू किये जाने की कोई खबर नहीं मिली। दिल्ली में जो काम 2500 महीना देने की घोषणा से हो गया उसके लिए बिहार में 10,000 एडवांस देने पड़े।

हेडलाइन मैनेजमेंट वाली भाजपा का खेल खबरों से ही होता है इसलिये खबर आ गई है कि दे दिया। और दिल्ली में बात बन गई तो देना दूर यह खबर या आश्वासन भी नहीं है कि अगली बार जीतेंगे तो देना शुरू करेंगे। कुल मिलाकर दिल्ली में माहौल यह बनाया गया कि भाजपा ने लालच देकर वोट लिये जो,संभवतः चोरी के हैं। बिहार चुनाव में वोट चोरी मुश्किल है। एक तो खुलासा हो गया है, दूसरे चुनौती है कि वोट चोरी करने नहीं देंगे। नतीजा सामने है। 10,000 देंगे नहीं, दे दिया। विपक्ष मजबूत होता है तो ऐसा ही होता लेकिन वो विपक्ष भाजपा हो 15 लाख और दिल्ली भी होता है। इसलिये वोट देना का काम बहुत गंभीर है। एंटायर पॉलिटिकल साइंस के ट्यूशन शुरू करना चाहिये।


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