यूपी में 50 पार दागी पुलिसकर्मी जबरन होंगे रिटायर, डीजीपी ने जाँच के दिए आदेश

एडीजी की तरफ से जारी पत्र में 26 अक्टूबर 1985 से 6 जुलाई 2017 तक के शासनादेशों का हवाला दिया गया है जिसमें 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई का जिक्र है

Update: 2021-09-08 09:15 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 50 साल की उम्र पूरी कर चुके भ्रष्टाचारी, दागदार, अनुशासनहीन और निठल्ले पुलिसकर्मियों पर अब शासन की तलवार लटक गई है.दरअसल, डीजीपी मुकुल गोयल ने ऐसे पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने के लिए कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं.

इसके तहत एडीजी स्थापना संजय सिंघल की तरफ से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखकर 50 साल या इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराने को कहा गया है. एडीजी ने 30 नवंबर तक ऐसे पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग रिपोर्ट मांगी है.

एडीजी के मुताबिक सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए सक्षम और योग्य कर्मचारियों का होना बहुत जरूरी है. पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार, अनियमितता, लापरवाही, अनुशासनहीनता, अयोग्यता और दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों की शिकायतें अक्सर मिलती रहती हैं. ऐसे पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए स्क्रीनिंग कराई जा रही है.

एडीजी की तरफ से जारी पत्र में 26 अक्टूबर 1985 से 6 जुलाई 2017 तक के शासनादेशों का हवाला दिया गया है जिसमें 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई का जिक्र है. पत्र में लिखा है कि 30 मार्च 2021 को जिन पुलिसकर्मियों की उम्र 50 साल या इससे अधिक हो गई है, उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी.

एडीजी ने बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी में नॉन गजटेड पुलिसकर्मियों को नियुक्त किया जाएगा. सभी जनपद के पुलिस प्रभारियों और पुलिस आयुक्त स्क्रीनिंग कराकर 30 नवंबर 2021 तक एडीजी स्थापना के दफ्तर को सूचित करेंगे. इसके बाद चिन्हित किए गए पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने की कार्रवाई की जाएगी.

50 पार पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग में उनकी एसीआर यानि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. एसीआर में कर्मचारियों के कार्य का मूल्यांकन, उनका चरित्र, व्यवहार, कार्य क्षमता और योग्यता की जानकारी दी गई होती है. स्क्रीनिंग कमेटी सभी कर्मचारियों की एसीआर देखती है. उसके आधार पर निर्णय लिया जाता है.




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