अयोध्‍या: डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदलवाने में PWD इंजीनियर सस्‍पेंड

Update: 2022-03-05 06:02 GMT

अयोध्‍या के डीएम के आवास के बोर्ड का रंग दो दिन में तीन बार बदले जाने को लेकर एक्‍शन शुरू हो गया है। फिलहाल इस मामले की जद में पीडब्‍ल्‍यूडी के जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्‍ला आए हैं। उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया गया है।

बताया जा रहा है डीएम के आवास के बोर्ड का रंग बदलने जाने के बारे में अधिकारियों को पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। बोर्ड का रंग केसरिया में था। इसे हरा किए जाते ही सोशल मीडिया में खबर फैल गई। मामला तूल पकड़ता देख आनन-फानन में बोर्ड का रंग लाल कर दिया गया। लेकिन तब तक दो दिन में तीन बार रंग बदलते बोर्ड की कहानी फैल चुकी थी। यूपी जहां रंगों को भी सियासी पार्टियों में बांट दिया गया हैं वहां इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। नेताओं-कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने ढंग से इसकी व्‍याख्‍या करनी शुरू कर दी।

उधर, मामले को बढ़ता देख अधिकारियों ने पूछताछ शुरू की तो पता चला कि रंग बदलवाने का काम पीडब्‍ल्‍यूडी ने किया है। दरअसल, अयोध्‍या के डीएम नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर मरम्‍मत का काम चल रहा था। इस वजह से डीएम आवास को अस्‍थाई तौर पर पीडब्‍ल्‍यूडी गेस्‍ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया था। उधर, डीएम के आवास के बोर्ड का रंग बदलकर केसरिया से हरा कर दिया गया। इस पर विवाद बढ़ा तो इसे लाल कर दिया गया।

पूरा मामला है क्या।

हुआ यूं कि अयोध्‍या के डीएम नीतीश कुमार के आवास का बोर्ड पहले केसरिया रंग का था लेकिन बुधवार को अचानक इसका रंग हरा कर दिया गया। दरअसल, इन दिनों डीएम के आवास की मरम्‍मत का काम चल रहा है। इस वजह से डीएम आवास अस्‍थाई रूप से पीडब्‍ल्‍यूडी के गेस्‍ट हाउस में शिफ्ट हो गया है।

बताया जा रहा है जिस समय डीएम आवास पीडब्‍ल्‍यूडी के गेस्‍ट हाउस में शिफ्ट हुआ उस समय बोर्ड का रंग केसरिया रखा गया था लेकिन इसके बाद रंग बदलकर हरा कर दिया गया। लेकिन जैसे ही बोर्ड का रंग बदला वैसे ही सोशल मीडिया में इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया। यूपी, जहां रंगों को भी सियासत से जोड़कर देखा जाता है वहां बोर्ड के रंग को लेकर भी तरह-तरह के कमेंट आने लगे। जल्‍द ही बात अधिकारियों के कानों तक पहुंची और उन्‍होंने तत्‍काल बोर्ड का रंग बदलने का आदेश दे दिया। इसके बाद बोर्ड को एक बार फिर नए रंग से पेंट किया गया। इस बार इसका रंग लाल रखा गया है।

क्‍या कहते हैं जिलाधिकारी

डीएम नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि इस समय वह पीडब्‍ल्‍यूडी के गेस्‍ट हाउस में अस्‍थाई तौर पर रह रहे हैं। बोर्ड का रंग पीडब्‍ल्‍यूडी के अधिकारियों ने हरा कर दिया था। इस बारे में उन्‍हें बताया गया है कि पीडब्‍ल्‍यूडी का रंग पहले से हरा ही होता था इसलिए फिर से हरा कर दिया गया।

टाइमिंग पर सवाल

बोर्ड का रंग केसरिया से बदलकर हरा किए जाने पर छिड़ी बहस के बाद पीडब्‍ल्‍यूडी ने एक बार फिर रंग को बदल दिया है। इसे लाल कर दिया गया है। उधर, लोग बोर्ड के रंग बदलने की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर जब राज्‍य में चुनाव चल रहे हैं, आचार संहिता लगी हुई है तो पीडब्‍ल्‍यूडी को इसी दौरान बोर्ड का रंग बदलने की क्‍या जरूरत थी। दबी जुबान से अधिकारी भी मान रहे हैं कि रंग बदलने की टाइमिंग गलत थी लेकिन उनका कहना है कि इसका चुनाव या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

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