ईद से पहले सीएम योगी का अफसरों को आदेश

Update: 2022-05-02 13:56 GMT
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच मंगलवार को ईद की नमाज अदा की जायेगी। इस बीच CM योगी ने सोमवार को कहा कि तीन मई को ईद, परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया का पावन पर्व है। वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस/प्रशासन को अतिरक्ति संवेदनशील रहना होगा। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों के मद्देनजर सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों। धर्मगुरुओं से संवाद बनाकर यह सुनश्चिति करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो।

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में 7436 ईदगाहों और 19949 मस्जिदों समेत 31 हजार 151 स्थानो पर ईद की नमाज अदा की जायेगा। इस दौरान अतिसंवेदनशील 2846 नमाज स्थलों पर सुरक्षा के अतिरक्ति इंतजाम किये गये है। ईद को नर्विघ्नि संपन्न कराने के लिये 46 कंपनी पीएसी और सात कंपनी सीएपीएफ के अलावा स्थानीय पुलिस के जवान मुस्तैद रहेंगे।

उन्होने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर आज रात से ही ईदगाह और मस्जिदों के बाहर पुलिस के जवान तैनात किये जायेंगे जो शरारती और अवांछनीय तत्वों पर कड़ी नजर रखेंगे। इस दौरान अफवाहों पर लगाम के लिये सोशल मीडिया पर कडी नजर रखी जायेगी।

सूत्रों ने बताया कि ईद के सिलसिले में अब तक धर्मगुरूओं के साथ 29 हजार 808 बैठके की जा चुकी हैं और सहमति के आधार पर 60 हजार 150 लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं जबकि 60 हजार 178 की आवाज कम की गयी है। ईद के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बिजली पानी के समुचित प्रबंध किये जाने के नर्दिेश दिये हैं।

हर सूचना पर पहुंचे थाना पुलिस, अफवाहों का करें खंडन : एडीजी एलओ प्रशांत कुमार

एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को नियमानुसार ईद का त्योहार मनाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोई नई परम्परा का आरम्भ न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए पीस कमेटी के लोगों के साथ अपने सोर्स से लगातार संपर्क में रहें। ईद की पूर्व रात्रि से ही सभी मस्जिदों व ईदगाहों के आस-पास पुलिस पैट्रोलिंग करें। हर छोटी से छोटी सूचना पर पहुंचने के साथ अराजक तत्वों पर नजर रखें। जिससे कोई आपत्तिजनक हरकत की जानकारी होते ही तत्काल कार्रवाई की जा सके। दूसरी तरफ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 24 घंटे नजर रखें। जिससे किसी भी अफवाह का खंडन और आपत्तिजनक तथ्यों का प्रसार रोका जा सके। इसके लिए मुख्यालय व जिलों पर सोशल मीडिया सेल को भी विशेष रूप से एक्टिव रखा जाए।

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