कौन है गुलशन यादव, जिसे राजा भैया के खिलाफ सपा ने कुंडा से चुनावी मैदान में उतारा

Update: 2022-01-26 12:34 GMT

राजा भईया और गुलशन यादव (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी ने मंगलवार देर शाम कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और प्रयागराज के दस प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। सूची के मुताबिक पार्टी ने प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से राजा भैया के खिलाफ गुलशन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। बता दें कि रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ पंद्रह साल तक सपा नेतृत्व ने विधानसभा में प्रत्याशी नहीं उतारे थे। राजा भैया 1993 से कुंडा विधानसभा सीट से लगातार निर्दलीय विधायक हैं, और हाल ही में उन्होंने एक पार्टी का गठन किया है। कुंडा व बाबागंज विधानसभा को राजाभैया का गढ़ कहा जाता है। इन दोनों विधानसभाओं पर लंबे समय से उनका प्रभाव देखा जा सकता है।

गुलशन यादव वही शख्स हैं जिनके हथियार बंद लोगों ने एक समय में पुलिस सुरक्षा तोड़कर भगाने का प्रयास किया था जब उन्हें पेशी के लिए अदालत ले जाया जा रहा था। वहीं, गुलशन यादव को अदालत से बरी किए जाने पर सैकड़ों की संख्या में समर्थक सड़क पर उतर आए और 'जेल के ताले टूट गए गुलशन भइया छूट गए' जैसे नारों से आसमान तक गूंज उठा था।

प्रतापगढ़ के कुंडा के रहने वाले गुलशन यादव को नाम और पहचान बाहुबली राजा भैया से ही मिली हुई है। राजा भैया के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले और अब सपा से राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले गुलशन कुंडा टाउन एरिया के चेयरमैन रह चुके हैं।

गुलशन यादव पर एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और प्रतापगढ में हुए डिप्टी एसपी जियाऊल हक हत्याकांड में भी गुलशन का नाम सामने आया था। गुलशन यादव के साथ कुंडा के विधायक पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी नामजद थे। प्रतापगढ़ में हुए सीओ जियाउल हक हत्याकांड में भी गुलशन का नाम सामने आया था।

DSP जियाउल हत्याकांड?

दो मार्च 2013 में हथिगवा थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की चुनावी रंजिश को लेकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से आक्रोशित प्रधान के परिवार के लोगों ने आरोपित कामता पाल के घर धावा बोलकर उसका घर फूंक दिया था। इसके बाद आक्रोशित लोग संजय सिंह उर्फ गुड्डू के घर की ओर बढ़ रहे थे। इस बीच घटना की जानकारी होने पर फोर्स के साथ सीओ कुंडा रहे जियाउल हक ने आक्रोशित लोगों को आगे से बढऩे रोकने की कोशिश की तो प्रधान के भाई सुरेश यादव ने उनके सिर पर बंदूक की बट से हमला कर दिया था।

बंदूक की छीना झपटी में हुए फायर से गोली लगने से सुरेश यादव की मौके पर मौत हो गई थी। आक्रोशित लोगों ने सीओ को पीट-पीटकर हालत गंभीर कर डी गई और फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सीओ की पत्नी परवीन आजाद ने हथिगवां थाने में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और उनके करीबियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उस समय अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।

उस समय सीओ की हत्या से सूबे की राजनीति में भूचाल आ गया था। देवरिया में जियाउल हक के परिवार के लोग धरने पर बैठ गए थे। वहां स्वजनों को सांत्वना जताने और आर्थिक मदद देने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां गए थे।

Tags:    

Similar News