मनीष गुप्ता मर्डर केस: एसआईटी को होटल के कमरे में मिले खून के निशान, क्राइम सीन दोहराया

जांच की शुरुआत कमरा नंबर 512 से की। गोरखपुर फोरेंसिक टीम से बातचीत कर जानकारी हासिल करने के बाद कानपुर के फोरेंसिक एक्सपर्ट ने सीन री-क्रिएशन का काम किया।

Update: 2021-10-03 05:39 GMT

एसआईटी ने शनिवार शाम गोरखपुर पहुंचकर मनीष गुप्ता हत्याकांड की तफ्तीश शुरू कर दी। उन्होंने पूरे होटल और मनीष के कमरे का बारीकी से निरीक्षण किया। एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम के नेतृत्व में गठित टीम ने सात घंटे तक होटल कृष्णा पैलेस में जांच की। बेंजाडीन टेस्ट कराया तो होटल के कमरा नंबर 512 (इसी में मनीष ठहरे थे) में खून धब्बे मिले। एसआईटी के साथ फोरेंसिक टीम प्रभारी भी हैं। कमरे में फोरेंसिक जांच कराने के अलावा वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की गई।

विवेचना करने वाली टीम से अब तक जुटाए गए साक्ष्यों के बारे में पूछा। अन्य लोगों के भी बयान भी दर्ज किए। टीम ने सुबह पहले गोरखपुर पुलिस की जांच टीम से मुलाकात कर चार दिनों में हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। एफआईआर की कॉपी ली और अब तक काटे गए पर्चों के बारे में पता किया। फोरेंसिक टीम प्रभारी ने कमरे में बेंजीडीन टेस्ट किया, जिसमें साफ की गई जगह पर खून के निशान मिल गए हैं।

जांच की शुरुआत कमरा नंबर 512 से की। गोरखपुर फोरेंसिक टीम से बातचीत कर जानकारी हासिल करने के बाद कानपुर के फोरेंसिक एक्सपर्ट ने सीन री-क्रिएशन का काम किया। इसकी मदद से टीम ने यह जानने की कोशिश की कि पुलिस वाले कैसे आए होंगे? कैसे कमरा खुलवाया होगा, कमरे के अंदर कौन कैसे था और फिर क्या हुआ? करीब तीन घंटे तक सीन को रीक्रिएट कर एसआईटी ने बारीकी से इसे समझने की कोशिश की कि आखिर उस रात कब, कैसे और क्या हुआ? फिलहाल टीम की ओर से यही जवाब दिया गया है कि इस मामले की जांच जारी है।

एसआईटी ने कमरे में घटना का रिक्रिएशन किया। उन्होंने तीन पुलिसकर्मियों को मनीष और उनका दोस्त बनाया और तीन चार पुलिसकर्मियों से वैसे ही चेकिंग और बातचीत कराई। यह रिक्रिएशन गोरखपुर पुलिस ने जो नक्शा नजरी और घटना का विवरण तैयार किया था, उसके अनुसार कराया गया।

एसआईटी ने घटना की रात मौजूद रहे होटल के सभी कर्मचारियों को बुलाकर उनसे पूछताछ की। टीम ने बारीकी से यह समझने की कोशिश की कि 27 सितंबर की रात में रामगढ़ताल पुलिस कितने बजे जांच को पहुंची थी, कितने पुलिस वाले कमरे में दाखिल हुए थे, पुलिस की मौजूदगी कितने देर तक रही, कमरे में कौन-कौन गया था, मनीष के दोस्तों से इंस्पेक्टर व दारोगा की क्या बात हुई? पुलिस इस बात को समझने पर जोर ज्यादा दे रही है कि उस रात अगर मारपीट हुई तो वह कौन सी बात थी कि इस तरह के हालात बन गए थे। 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इसके प्रभारी एडिशनल सीपी क्राइम व हेडक्वार्टर्स आनंद प्रकाश तिवारी को बनाया गया है। सदस्य डीसीपी साउथ रवीना त्यागी और विवेचक एडीसीपी ब्रजेश श्रीवास्तव हैं। 

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