राघव चड्ढा, हरभजन सिंह को राज्यसभा भेज सकती है –आप

Update: 2022-03-17 11:33 GMT

मनोज नैय्यर

-आप-विधायक राघव चड्ढा पुरस्कृत हों सकते हैं। राघव चड्ढा ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता का सिंहासन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राघव चड्ढा पंजाब में –आप- के सह प्रभारी हैं। ख़बर है कि आम आदमी पार्टी राघव चड्ढा को वाया पंजाब राज्यसभा भेजने की योजना बना चुकी है। पंजाब में इसी महीने खाली हो रही राज्यसभा की 5 सीटें पर 31 मार्च को चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी आपने 92 विधायकों के बूते बेहद आसानी से इन सीटों को भरने की स्थिति में है। राघव चड्ढा के साथ-साथ टर्नबेटर हरभजन सिंह भज्जी और कॉमेडियन जसविंदर भल्ला भी राज्यसभा चुनाव में –आप- के उम्मीदवार हो सकते हैं। इन तीनों के अवाला 2 और चेहरे कौन से होंगे। इसको लेकर पंजाब के राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त उथल-पुथल है।

2017 के असेंबली चुनाव में पंजाब में मुंह की खाने के बाद। आम आदमी पार्टी ने विधायक जरनैल सिंह को पंजाब का इंचार्ज बनाया था। जरनैल सिंह पंजाब में –आप- से जुडे हिन्दू नेताओं के गले नहीं उतर रहे थे। वजह थी वे सिख हैं। हिन्दू नेताओं की आला कमान से दलील थी कि इससे गल्त संदेश जाएगा। पंजाब के हिन्दुओं को लगेगा कि पार्टी सभी औहदे सिखों को दे रही है। आलाकमान ने इस दलील को समझा और राघव चड्ढा को सह-प्रभारी बना कर पंजाब भेज दिया। नतीजा सबसे सामने है। राघव चड्ढा तेजतर्रार होने के साथ-साथ अच्छे वक्ता भी हैं। इसलिए पार्टी ने उन्हें राज्यसबा भेजने का मन बना लिया है। उधर, क्रिकेट से सभी फॉरमेट में आपने उम्दा प्रदर्शन की बदौलत टर्नबेटर हरभजन सिंह भी पंजाब की हस्ती बन चुके हैं।

आम आदमी पार्टी हरभजन सिंह को राज्यसभा भेज एक तीर से कई निशाने लगाने की फिराक में है। भज्जी के रुप में –आप- को दूसरा सिद्धू मिल सकता है। भज्जी भले ही वाकपुटता के मामले में नवजोत सिद्धू से 19 हैं। लेकिन इंटरनेशनल पर्सनलटी हैं। जिसका फायदा 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिल सकता है। कॉमेडियन जसविंदर भल्ला भी दुनिया भर में बसे पंजाबियों में मुकाम बनाएं हुए हैं। आम आदमी पार्टी इसका फायदा भी बाखूबी उठाना चाहेगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन जाने के बावजूद कैबिनेट की तस्वीर फिलहाल साफ नहीं हुई है। संभावना जताई जा रही है कि कैबिनेट में एडजस्ट न हो पाने वालों में से भी –आप- किसी को राज्यसभा भेज संतुष्ट कर सकती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी नई रणनीति किस तरह की इख्तयार करती है।

लेखक 'वंचितों का भारत' के संपादक हैं।

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