एकतरफा प्यार की आग में सात लोगों जिंदा जलाने वाला सिरफिरा आशिक गिरफ्तार, अग्निकांड का राज खोला तो पुलिस हैरान

‘एकतरफा प्यार’ की आग में खाक हुए सात, इंदौर अग्निकांड में पुलिस का बड़ा खुलासा

Update: 2022-05-08 06:42 GMT

ये वही मल्टी स्टोरी है जहां लगी थी आग,  भागने के दौरान आरोपी के हाथ-पैर टूट गए

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की स्वर्णबाग कॉलोनी में शनिवार तड़के दो मंजिला एक रिहायशी इमारत में भीषण आग लगने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। इस भीषण अग्निकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इमारत में आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी थी, बल्कि साजिश के तहत लगाई गई थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय उर्फ शुभम दीक्षित नाम के युवक की शिनाख्त की है। इसी व्यक्ति ने इमारत के नीचे बेसमेंट में खड़ी स्कूटी में आग लगाई थी और इस आग ने भीषण रूप लेते हुए पूरी इमारत को अपनी जद में ले लिया था। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। 

प्रेम प्रसंग की वजह से लगाई आग

आरोपी संजय उर्फ शुभम दीक्षित है। वह मूल रूप से झांसी का रहने वाला है और इंदौर में निरंजनपुर में रहता था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि मैं उस लड़की से बहुत परेशान हो गया था। उसने मेरे साथ बहुत गलत किया। उसने मुझसे खूब खर्चा करवाया और बाद में पता चला वह तो दूसरों से भी ऐसे करवाती है। मैं उससे सारे रिश्ते खत्म करना चाहता था लेकिन वह मुझे छोड़ती ही नहीं थी। वह मुझसे अक्सर पैसे भी मांगती रहती थी। मैं तो उसकी गाड़ी की सीट जलाने गया था लेकिन वहां खड़ी सारी गाड़ियों में आग लग गई और मुझसे बहुत बड़ा कांड हो गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी संजय को निरंजनपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पुलिस से बचकर भागने के चक्कर में उसके हाथ-पैर टूट गए। देर रात उसे एमवाय अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। संजय ने जुर्म कुबूल कर कहा कि जिस गाड़ी से वह स्वर्णबाग कॉलोनी आया था उसी गाड़ी से पेट्रोल निकाला था। इसके बाद मल्टी में पहुंचा। वहां खड़ी लड़की की स्कूटी की सीट में आग लगा दी और भाग गया।

संजय ने बताया कि वह लड़की बार बार पैसे मांगती थी। कभी ये दिला दो कभी वो दिला दो। आग लगाने के बाद लड़की ने कॉल कर बताया था कि किसी ने मल्टी में आग लगा दी। इसके बाद शनिवार दिन में दोस्त ने बताया की टीवी पर आग की खबर आ रही है। हालांकि संजय यह भी कहता रहा कि उससे बहुत बड़ा कांड हो गया। वह तो सिर्फ लड़की की गाड़ी की सीट जलाना चाहता था मगर ऐसा हो जाएगा यह नहीं सोचा था। दोस्त से बात कर ली थी कि खुद सरेंडर भी करना चाहता हूं। हालांकि पुलिस अभी और पूछताछ करेगी। 

बता दें कि शुक्रवार देर रात को स्वर्णबाग कॉलोनी की दो मंजिला इमारत में आग लगी थी। इस घटना में करीब 14 दुपहिया व एक चार पहिया वाहन जलकर खाक हो गए थे। ईश्वर सिसोदिया और उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया, आकांक्षा अग्रवाल निवासी देवास, देवेंद्र साल्वे निवासी बैतूल, आशीष राठौर निवासी झांसी, गौरव पंवार निवासी बैतूल की मौत हो गई। एक अन्य की मौत भी हुई है जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। विनोद सोलंकी, फिरोज, मुनीरा खान, तुषार प्रजापति, अरशद खान और सोनाली पंवार घायल हुई। हैं। तुषार और विनोद ने बिल्डिंग की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। इस कारण दोनों को गंभीर चोटें आई हैं। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पुलिस का कहना है कि आरोपी संजय ने इंजीनियरिंग की है। वह शेयर मार्केट का काम करता था। छह महीने पहले वह उसी कमरे में रहता था जिसमें मृतक ईश्वर सिंह और पत्नी नीतू सिंह रहने गए। युवती भी उस मल्टी में अपनी मां के साथ रहती थी। लॉकडाउन के दौरान दोनों में प्रेम शुरू हुआ। पिछले करीब तीन दिनों से युवती और संजय के बीच विवाद चल रहा था। शुक्रवार सुबह भी उनमें नोंकझोंक हुई। संजय ने युवती से कहा कि उसने जो रुपये खर्च किए हैं वह उसे वापस दो। अगर रुपये नहीं दे सकती हो तो स्कूटी दे दो। इस पर युवती ने मना कर दिया। संजय उसे बदला लेने की धमकी देकर चला गया और शुक्रवार देर रात को उसने उसकी स्कूटी में आग लगा दी।

पुलिस ने सीसीटीवी की डीवीआर को देखा तो संजय स्कूटी के पास खड़ा नजर आया। स्कूटी के नंबर के आधार पर युवती की जानकारी जुटाई। यह युवती भी आग में फंस गई थी, जिसे रस्सी के सहारे निकाला था। बाद में इंदौर में रहने वाले रिश्तेदार के घर भेजा था। पुलिस ने युवती की पहचान कर उसे थाने बुलाया तो उसने आरोपी को पहचान लिया और कहा कि वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था। रुपयों की मांग करता था। पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली और संजय की तलाश में छापेमारी की। आरोपी का मोबाइल रात नौ बजे तक चालू था। लोकेशन ट्रेस की और शनिवार देर रात उसे निरंजनपुर से गिरफ्तार कर लिया।





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